क्या आप जानते है मंगल कार्यों में नारियल क्यों फोड़ा जाता है?

क्या आप जानते है मंगल कार्यों में नारियल क्यों फोड़ा जाता है?
Coconut Break During Pooja

कोई भी शुभारंभ होता है तो नारियल फोड़कर किया जाता है। फिर चाहे वो पूजा हो या नए घर का गृह प्रवेश, नई गाड़ी या नया बिज़नेस किसी भी कार्य का शुभारंभ नारियल फोड़कर किया जाता है। नारियल को भारतीय सभ्यता में शुभ और मंगलकारी माना गया है। इसलिए पूजा-पाठ और मंगल कार्यों में इसका उपयोग किया जाता है। हिंदू परंपरा में नारियल सौभाग्य और समृद्धि की निशानी होती है। नारियल भगवान गणेश को चढ़ाया जाता है और फिर प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। नारियल इस धरती के सबसे पवित्र फलों में से एक है। इसलिए इस फल को लोग भगवान को चढ़ाते हैं।

नारियल एक सख्त सतह और फिर एक नर्म सतह होता है और फिर इसके अंदर पानी होता है जो बहुत पवित्र माना जाता है। इस पानी में किसी भी तरह की कोई मिलावट नहीं होती है। नारियल भगवान गणेश का पसंदीदा फल है। इसलिए नया घर या नई गाड़ी लेने पर फोड़ा जाता है। इसका पवित्र पानी जब चारों तरफ फैलता है तो नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं।

नारियल तोड़ने का मतलब अपने अहम को तोड़ना है। नारियल इंसान के शरीर को प्रदर्शित करता है और जब आप इसे तोड़ते हैं तो इसका मतलब है कि आपने खुद को ब्रह्मांड में सम्मिलित कर लिया है। नारियल में मौजूद तीन चिन्ह, भगवान शिव की आंखें मानी जाती है। इसलिए कहा जाता है कि यह आपकी हर मनोकामनाएं पूरी करता है।

नारियल को संस्कृत में 'श्रीफल' कहा जाता है और श्री का अर्थ लक्ष्मी है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, लक्ष्मी के बिना कोई भी शुभ काम पूर्ण नहीं होता है। इसीलिए शुभ कार्यों में नारियल का इस्तेमाल अवश्य होता है। नारियल के पेड़ को संस्कृत में 'कल्पवृक्ष' भी कहा जाता है। 'कल्पवृक्ष' सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करता है। पूजा के बाद नारियल को फोड़ा जाता है और प्रसाद के रूप में सब में वितरित किया जाता है।

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