हर संकट से बचने के लिए चैत्र नवरात्रि में रामचरित मानस के दोहे पढ़े

हर संकट से बचने के लिए चैत्र नवरात्रि में रामचरित मानस के दोहे पढ़े

जैसा की हम जानते है कि चैत्र नवरात्रि शुरू हो रहे है। ऐसे में देवी से इच्छापूर्ति के लिए कई तरह के मंत्रों का प्रयोग किया जाता है लेकिन उनमे से कुछ सर्वसाधारण के लिए क्लिष्ट होते हैं। इस बात से सब वाकिफ है कि रामचरितमानस के दोहे, चौपाई और सोरठा अथवा मन्त्रों से अपनी इच्छा को पूरी किया जा सकता है। जो कि बहुत ही सरल है। आज केलेख में हम आपको रामचरितमानस के दस ऐसे दोहे बता रहे है जिससे आप हर तरह के संकट से बच सकते है।

अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए

'कवन सो काज कठिन जग माही।

जो नहीं होइ तात तुम पाहीं।।'

भय या संशय के लिए

‘रामकथा सुन्दर कर तारी।

संशय बिहग उड़व निहारी।।'

अगर किसी अनजान स्थान पर भय लगे तो यह दोहा पढ़े

'मामभिरक्षय रघुकुल नायक।

धृतवर चाप रुचिर कर सायक।।'

भगवान राम की शरण के लिए

'सुनि प्रभु वचन हरष हनुमाना।

सरनागत बच्छल भगवाना।।'

 

विपत्ति का नाश करने के लिए

'राजीव नयन धरें धनु सायक।

भगत बिपति भंजन सुखदायक।।'

अपने रोगों और उपद्रवों की शान्ति के लिए

'दैहिक दैविक भौतिक तापा।

राम राज नहिं काहुहिं ब्यापा।।'

वृद्धि एवं आजीविका प्राप्ति के लिए

'बिस्व भरन पोषन कर जोई।

ताकर नाम भरत अस होई।।'

विद्या प्राप्ति के लिए

‘गुरु गृह गए पढ़न रघुराई।

अल्पकाल विद्या सब आई।।'

संपत्ति प्राप्ति हेतु

'जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं।

सुख संपत्ति नानाविधि पावहिं।।'

दुश्मन और शत्रु नाश के लिए-

'बयरू न कर काहू सन कोई।

रामप्रताप विषमता खोई।।'

जो आपकी आवश्यकता हो उसके अनुसार आप किसी भी मंत्र लेकर एक माला जपें और ध्यान रहे कि एक माला का हवन करे। जो भी मंत्र का जप करे उससे पहले ध्यान रहे कि हनुमान चालीसा का पाठ जरूर कर ले ऐसा करने से शुभ रहेगा। जब तक आपका सोचा हुआ कार्य पूरा ना हो तब तक नियमित रूप से जप करे। ध्यान रखे चैत्र नवरात्री के समय सुंदरकांड जरूर करे।

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