कब है मोक्षदा एकादशी? क्या है एकादशी का महत्व

कब है मोक्षदा एकादशी? क्या है एकादशी का महत्व
When is Mokshada Ekadashi

25 दिसंबर 2020 को मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। जैसा कि इसके नाम से ही विदित है कि यह एकादशी का व्रत रखने का क्या फायदा है परंतु फिर भी जानिए कि मोक्षदा एकादशी का क्या है महत्व।

इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के युद्ध में कुंती पुत्र अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। इसीलिए इस दिन को मोक्षदा एकादशी भी कहते हैं। मोक्षदा एकादशी के दिन ही गीता जयंती मनाई जाती है।

1. मोक्षदा एकादशी मोक्ष देने वाली होती है। विधिवत इसका व्रत रखने से देवता और पितर तृप्त होते हैं।

2. मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत रखकर गीता पाठ करना या श्रीकृष्ण की आराधना करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है और सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है।

  • एकादशी तिथि प्रारंभ:- रात 11 बजकर 17 मिनट से (24 दिसंबर 2020)
  • एकादशी तिथि समाप्त:- अगले दिन रात 1 बजकर 54 मिनट तक (26 दिसंबर 2020)

1. गीता जयंती के दिन गीता को पढ़ना या सुनना अत्यंत ही शुभ माना जाता है।

2. इस दिन मोक्षदा एकादशी रहती है अत: व्रत करने का बहुत ही महत्व होता है।

3. इस दिन भगवान कृष्ण की आराधना और पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं।

4. गीता जयंती के दिन मंदिरों में भी गीता का पाठ किया जाता है। आप चाहें तो वहां जाकर भी गीता सुन सकते हैं।

5. इस दिन गीता पाठ करने और मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है।

महाभारत ग्रंथ का एक हिस्सा है गीता जिसके कुल 18 अध्याय है। जिनमें से 6 अध्याय कर्मयोग, 6 अध्याय ज्ञानयोग और अंतिम 6 अध्याय में भक्तियोग के उपदेश दिए गए हैं। इस साल गीता जयंती की 5157वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। इसका मतलब यह कि आज से 5157 वर्ष पूर्व श्रीकृष्ण ने इसी समय अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था जिससे उसके ज्ञानचक्षु खुल गए थे।

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