नवरात्रि के तीसरे दिन करे मां चंद्रघंटा की उपासना, जानिए पूरी विधि
नवरात्रि का तीसरा दिन है आज। आज के दिन हम मां चंद्रघंटा की उपासना करते है। इनकी पूजा से मुक्ति और अपार साहस प्राप्त करने का होता है। इनके सर पर घंटे के आकार का चन्द्रमा है। यही वजह है इनको चंद्रघंटा कहा जाता है। इनके दसों हाथों में अस्त्र-शस्त्र हैं और इनकी मुद्रा युद्ध की मुद्रा है। मां चंद्रघंटा तंत्र साधना में मणिपुर चक्र को नियंत्रित करती हैं।
ऐसा माना जाता है कि माँ चंद्रघंटा शेर पर सवार रहती है। मां चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों के कष्ट हमेशा के लिए खत्म हो जाते हैं। इन्हें पूजने से मन को शक्ति और वीरता मिलती है। ज्योतिष में इनका संबंध मंगल नामक ग्रह से होता है।
मां की उपासना का मंत्र
पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥
मां चंद्रघंटा की पूजा विधि क्या है?
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मां चंद्रघंटा की पूजा लाल वस्त्र धारण करके करना श्रेष्ठ होता है।
- मां को लाल पुष्प, रक्त चन्दन और लाल चुनरी समर्पित करना उत्तम होता है।
- इनकी पूजा से मणिपुर चक्र मजबूत होता है और भय का नाश होता है।
- अगर इस दिन की पूजा से कुछ अद्भुत सिद्धियों जैसी अनुभूति होती है, तो उस पर ध्यान न देकर आगे साधना करते रहनी चाहिए।
अगर मंगल की समस्याओं से निजात पाना चाहते है तो करे यह काम?
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अगर कुंडली में मंगल कमजोर है या मंगल दोष है तो आज की पूजा विशेष परिणाम दे सकती है।
- आज की पूजा लाल रंग के वस्त्र धारण करके करें।
- मां को लाल फूल, ताम्बे का सिक्का या ताम्बे की वस्तु और हलवा या मेवे का भोग लगाएं।
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