जानिए मकर सक्रांति का व्रत कैसे करे? जानिए व्रत करने की विधि
हिन्दू धर्म के अनुसार मकर सक्रांति का त्योहार तब मनाया जाता है जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। इसलिए इसे मकर सक्रांति कहा जाता है। मकर सक्रांति वाले दिन सूर्य उत्तरायण हो जाते है। मकर सक्रांति के दिन व्रत और दान का बहुत ही विशेष महत्व होता है। सूर्य को ज्ञान, आध्यत्म और प्रकाश का प्रतिक माना जाता है।
हर साल की तरह मकर सक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा। मकर सक्रांति के दिन सूर्यदेव अपनी राशि में परिवर्तन करके प्रातः 8 बजकर 05 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य जब मकर राशि में गोचर यानी कि प्रवेश करेंगे तो देशभर में मकर सक्रांति के पर्व का शुभारंभ हो जाएगा।
जानिए मकर सक्रांति का पुण्यकाल
वर्ष 2021 में मकर सक्रांति का पुण्यकाल सुबह 8 बजकर 5 मिनट से लेकर रात्रि 10 बजकर 46 मिनट तक रहेगा।
जानिए मकर संक्रांति व्रत करने की विधि
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मकर सक्रांति के दिन पावन नदियों में श्रद्धापूर्वक स्नान किया जाता है। इस दिन पूजा पाठ, दान और यज्ञ करने का बहुत महत्व माना जाता है। तीर्थों की यदि हम बात करे तो गंगा स्नान और दान करने से अधिक पुण्य प्राप्त होता है।
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प्रातः काल नहाने के बाद में भगवान् शिवजी की पूजा तेल का दीपक जलाकर करे। भगवान शिव की प्रिय वस्तुएं अर्पित करे जैसे कि धतूरा, आक, बिल्व पत्र इत्यादि।
- ऐसा माना जाता है कि सूर्य के उत्तरायन या दक्षिणायन के दिन संक्रांति व्रत करना चाहिए।
- मकर सक्रांति के दिन स्नान करते समय तेल तथा तिल जल में मिला ले।
- सूर्य देव की स्तुति करे। ऐसा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- जब मकर सक्रांति का शुभ मुहूर्त हो तब सिद्ध सूर्य यंत्र को सूर्य मंत्र का जप करके पहनने से सूर्यदेव तरक्की की राह आसान बना देते हैं।
- इस दिन तिल युक्त चीजे जैसे खिचड़ी, रेवड़ी और लड्डू खाए एवं दूसरों को भी खिलाएं।
- ब्राह्मण को तिल एवं गुड़ का दान अवश्य करना चाहिए।
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