क्या कहते है ज्योतिषी इस साल के नौतपा के बारे में: कितना बढ़ेगा पृथ्वी का ताप?
इस साल 25 मई 2021 को सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में गोचर होगा। यह तक़रीबन 8: 46 से शुरुआत होगा। ऐसा माना जाता है कि सूर्य हर पंद्रह दिनों में एक नक्षत्र का भोग कर लेता है लेकिन रोहिणी नक्षत्र में भ्रमण को नौतपा कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जब भी सूर्य इस नक्षत्र में आता है तो उस समय पृथ्वी के ताप में बहुत वृद्धि हो जाती है। सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 8 जून को प्रात: 6.40 बजे तक रहेगा। उसके बाद मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएगा। इस संपूर्ण भ्रमणकाल के प्रारंभिक नौ दिन अत्यधिक गर्मी वाले रहते हैं इसलिए इसे नौतपा कहा जाता है। नक्षत्र मेखला की गणना के अनुसार इस बार रोहिणी का वास समुद्र तट पर रहेगा जो उत्तम वर्षा के योग बना रहा है।
सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में परिभ्रमण काल 14 दिन का रहेगा। इस अवधि को नौ तपा कहा जाता है। इस अवधि को वर्षा ऋतु के चक्र को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमारे विश्व प्रसिद्ध ज्योतिष के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इस वर्ष मेष संक्रांति के प्रवेश समय पर चंद्रनक्षत्र भरणी होने से रोहिणी का वास समुद्र तट पर है- तटे वृष्टि सुशोभना:।रोहिणी का वास समुद्र तट पर तथा समय का वास रजक के घर होगा। यह स्थिति वर्षा ऋतु में उत्तम वृष्टि का संकेत दे रही है। इस बार 80 फीसद से अधिक बारिश होने के योग बन रहे हैं।
मिल रहे है अच्छी बारिश के संकेत
ऐसा माना जा रहा है कि वर्षा ऋतु का चक्र इस बार अलग अलग तरह की स्थिति बता रहा है। जैसा कि हम जानते है कि 27 नक्षत्रों में रोहिणी नक्षत्र का विशेष महत्व है। इसी के साथ में नवधा मेघ एवं चतुर्धा मेघ एवं द्वादश नागों का अलग अलग तरीके से वर्ष अनुक्रम में स्थापित होना एक वर्षा ऋतु के चक्र को कम एवं अधिक करता है। इस बार चतुर्धा मेघ में सम्वर्त मेघ का अनुक्रम आ रहा है, जो श्रेष्ठ वर्षा की ओर संकेत कर रहा है। साथ ही द्वादश नाग के अंतर्गत सुबुध्न अथवा सुबुद्घ नामक नाग की साक्षी अच्छी वृष्टि कराने में सक्षम है।
कैसा रहेगा नौतपा का प्रभाव?
एस्ट्रोलॉजी कंसल्टेंसी के अनुसार इस साल नौतपा की शुरुआत छह बहुत ही तेज गर्म दिन साथ रहेंगे और उमस की परेशानी पैदा होगी। ज्योतिष गणना के अनुसार गर्म हवाओं के चलने से सूर्यास्त के बाद भी गर्मी का अनुभव होगा। जब नौतपा के आखिरी तीन दिन होंगे उसमे तेज हवाओं के साथ में बूंदाबादी और कई जगह मध्यम बारिश के योग रहेंगे। इस बार रोहिणी में तीव्र गर्मी होने की संभावना है। मंगल का शनि से षड़ाष्टक योग और सूर्य से द्विद्र्वादश योग पृथ्वी का तापमान बढ़ाकर गर्मी का प्रकोप बढ़ाएगा। मंगल मिथुन राशि में है और इससे अष्टम शनि मकर राशि में है। शनि से षष्ठम मंगल है। इसी तरह मिथुन के मंगल से वृषभ राशि का द्वादश सूर्य है। यह ग्रह योग गर्मी में वृद्धि करने वाला साबित होगा।
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