क्या आप जानते है पौराणिक काल के गदाधर कौन थे?

क्या आप जानते है पौराणिक काल के गदाधर कौन थे?
Lord Hanumaan

जैसा की हम जानते है कि पौराणिक काल के ग्रंथ रामायण और महाभारत में कई प्रकारों के गदायुद्ध और कौशल का विस्तृत वर्णन है। अग्नि पुराण में गदा युद्ध के आहत, गोमूत्र, प्रभृत, कमलासन, ऊर्ध्वगत्र, नमित, वामदक्षिण, आवृत्त, परावृत्त, पदोद्धृत, अवप्लत, हंसमार्ग और विभाग नामक प्रकारों का उल्लेख मिता हैं।

भारत एक ऐसा देश है जहा प्राचीन या पौराणिक काल में बड़े-बड़े महारथी हुए हैं कोई धनुर्धर था तो कोई गदाधर, कोई तलवारबाजी में पारंगत था तो कोई फरसा चलाने में। किसी के पास दिव्यास्त्र थे तो कोई मल्लयुद्ध करने में माहिर था। आज के लेख में हम आपको बताएगे गदाधरों के नाम

सतयुग काल

भगवान विष्णु तो हर काल में सदा विद्यमान रहते हैं वे तो कालातित है। उन्हें सबसे पहला गदाधर माना जाता है। सतयुग में कई राजा और महाराजा हुए जो गदाधारी थे।

रामायण काल

रामायण काल में  जामवंत, हनुमानजी, सुग्रीव,  बाली,  अंगद को उस काल में सबसे महान गदाधर माना जाता था। उक्त सभी में हनुमानजी सबसे महान गादाधर थे और हैं।

महाभारत काल

महाभारत काल में  बलराम,  जरासंध,  भीम और  दुर्योधन को उस काल में सर्वश्रेष्ठ गदाधर माना जाता था। श्रीकृष्ण के भाई बलराम ने ही दुर्योधन को गादा चलाने की शिक्षा दी थी। हालांकि भीम ने भी उसने गादा चलाने के कुछ गुर सीखे थे।

कलियुग काल

कलिकाल में भी कई गधाधर हुए हैं। कलिकाल का प्रारंभ लगभग 3000 ईसा पूर्व हुआ था। तब से लेकर राजा हर्षवर्धन के काल तक भी लोग गदा चलाना सीखते थे। बाद में गादा चालन अखाड़ों में ही सिमट कर रह गया और इसके बाद यह भी समाप्त हो गया। आधुनिक समय में दारासिंग और गामा पहलवान को गदा के प्रयोग के लिये जाना जाता था।

यह भी पढ़िए

क्या आपको भी धन चाहिए तो अपनाइए यह अच्छी आदतें

15 अगस्त को तिरंगा फहराने से पहले ध्यान रखे कुछ बातें

क्या है भगवान शिव की भस्म आरती के अनकहे राज?

Like and Share our Facebook Page.