जानिए कैसे श्रीराम और श्रीकृष्ण के संबंध में कौनसी समानताएं अचरज में डाल देती है?
श्री राम का जन्म त्रेता युग में चैत्र शुक्ल नवमी को दिन के ठीक बारह बजे हुआ था जबकि श्री कृष्ण का जन्म द्वापर युग में भादों के कृष्णपक्ष अष्टमी को रात्रि के बारह बजे हुआ। जहाँ राम के जन्म के समय चारों ओर उजाला ही उजाला है वहीं कृष्ण के जन्म के समय घटाटोप अंधेरा है, मूसलाधार वर्षा होने के कारण अंधेरे की कालिमा अत्यधिक बढ़ गई है। सिर्फ रात और दिन तथा उजाला और अंधेरा का ही अन्तर नहीं है बल्कि पंचांग के हिसाब से तिथि भी एकदम विपरीत है। हिन्दू वर्ष बारह चन्द्रमासों का होता है और चैत्र माह से ठीक छः माह बीतने के बाद भादों माह आता है। जहाँ राम का जन्म शुक्लपक्ष में हुआ है वहीं कृष्ण का जन्म कृष्णपक्ष में हुआ है।
जैसा कि हम जानते है कि भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण में समानताएं ढूंढना बहुत ही मुश्किल है लेकिन फिर भी उन दोनों के बीच में बहुत कुछ कॉमन जरूर था। आज के लेख में हम आपको उन्ही में से यहां प्रस्तुत है यह दस समानताएं।
- भगवान श्रीकृष्ण और भगवान श्रीराम दोनों ही विष्णु जी के अवतार थे। श्रीराम विष्णु जी के सातवें अवतार थे और श्रीकृष्ण आठवें अवतार थे।
- भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण दोनों ने ही राक्षश, असुर और दुष्टों का वध किया था। एक कंस पापी को मारे एक रावण संहारे।
- दोनों को ही भक्त वत्सल्य कहा जाता है। अर्थात अपने भक्तों के प्रति स्नेह रखने वाले है।
- दोनों ही महादेव और माता पार्वती को सर्वोपति मानते हैं। दोनों ही उनके पूजक हैं।
- दोनों को ही राजाधिराज कहते है। एक अयोध्यापति हैं तो दूसरे द्वारकाधीश मथुरापति।
- दोनों को ही भगवान परशुराम को देखने और उनसे सहयोग प्राप्त करने का अवसार मिला।
- दोनों ने ही जामवंत को शरण दी थी। यह कहें कि दोनों का ही जामवंतजी ने साथ दिया था।
- दोनों को ही हनुमानजी ने युद्ध में सहयोग किया था।
- दोनों की ही पत्नियां सीता और रुक्मिणी लक्ष्मी का अवतार थीं।
- संसार में दो ही भगवान है जिनका नाम एक साथ लिया जाता है। हरे रामा हरे कृष्णा।
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