नवरात्रि के छठे दिन करे मां कात्यायनी की पूजा और जाने कैसे करे मां को प्रसन्न
आज नवरात्रि का छठा दिन है। आज के दिन कात्यायनी देवी की पुरे श्रद्धा भाव से पूजा की जाती है। कात्यायनी देवी दुर्गा जी का छठा अवतार है। अगर हम शास्त्रों के अनुसार माने तो देवी ने कात्यायन ऋषि के घर उनकी पुत्री के रूप में जन्म लिया था। इसी कारण से उनका नाम कात्यायनी पड़ गया था। ऐसा माना जाता है कि कात्यायनी अमोघ फलदायिनी मानी जाती है। शिक्षा प्राप्ति के क्षेत्र में प्रयासरत भक्तों को माता की अवश्य उपासना करनी चाहिए।
जानिए कैसा है मां कात्यायनी देवी का स्वरूप?
मां कात्यायनी का शरीर सोने के समान चमकीला है। चार भुजा धारी माँ कात्यायनी सिंह पर सवार होती है। यह अपने एक हाथ तलवार और दूसरे में अपना प्रिय पुष्प कमल लिए हुए है। अन्य दो हाथ में वरमुद्रा और अभयमुद्रा में है। इनका वाहन सिंह है।
कैसे करे मां कात्यायनी की आराधना?
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मां कात्यायनी की पूजा गोधूलि वेला के समय की जाती है। मां कात्यायनी की पूजा पीले या लाल वस्त्र धारण करके करनी चाहिए।
- पूजा के समय इन्हे पीले फूल या पीला नैवेद्य अर्पित करे। शहद अर्पित करना इन्हे बहुत ही शुभ माना जाता है।
- अगर कोई माँ को सुगंधित पुष्प अर्पित करता है तो इसमें शीघ्र विवाह के योग बनेंगे इसी के साथ ही प्रेम संबंधित बाधाएं भी दूर होगी।
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