सावन शिवरात्रि 18 जुलाई को, कैसे भगवान शिव को प्रसन्न करे
सावन में हर रोज शिवलिंग का जलाभिषेक करना चाहिए। भगवान शिव जी की पूजा में जल और गाय के दूध को अर्पित करना शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में सावन का महीना बहुत ही पवित्र माना गया है। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। इस पूरे महीने शिवभक्त बड़ी ही श्रद्धा के साथ उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। सावन माह में पड़ने वाली शिवरात्रि अपना विशेष महत्व रखती है। मालूम हो कि प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि भी पड़ती है।
लेकिन सावन माह में आने वाली शिवरात्रि का खास महत्व है। सावन की शिवरात्रि को फाल्गुन महीने में आने वाली महाशिवरात्रि के समान ही फलदायी माना गया है। इस बार श्रावण मास की शुरूआत 6 जुलाई से हुई है और इसका समापन 3 अगस्त को होगा। बता दें कि इस बार सावन की शुरुआत और समाप्ति दोनों ही सोमवार को होगी।
इस बार कुल पांच सावन सोमवार का दिन रहेगा। जो बहुत ही शुभ माना जाता है। जब मनुष्य पर हर ओर से संकट आ जाता है और जीवन में अधंकार छा जाता है तो शिवभक्ति रूपी नैया से सभी बाधाएं और कष्ट मिटते हैं। सुखद जीवन के लिए आप भी भोलेभंडारी की शरण में जाएं, श्रावण मास की शिवरात्रि पर अपनाएं यह आसान उपाय, क्योंकि इस दिन यह उपाय करने से जीवन के सब संकट कट जाते हैं।
1. सुबह स्नान कर यथासंभव सफेद वस्त्र पहन घर या शिवालय में शिवलिंग को पवित्र जल से स्नान कराएं।
2. स्नान के बाद यथाशक्ति गन्ने के रस की धारा शिवलिंग पर नीचे लिखें मंत्र या पंचाक्षरी मंत्र नम: शिवाय बोलकर अर्पित करें -
रूपं देहि जयं देहि भाग्यं देहि महेश्वर:।
पुत्रान् देहि धनं देहि सर्वान्कामांश्च देहि मे।।
3. गन्ने के रस से अभिषेक के बाद पवित्र जल से स्नान कराकर गंध, अक्षत, आंकड़े के फूल, बिल्वपत्र शिव को अर्पित करें। सफेद व्यंजनों का भोग लगाएं। किसी शिव मंत्र का जप करें।
4. धूप, दीप व कर्पूर आरती करें।
5. अंत में क्षमा मांगकर दुखों से मुक्ति व रक्षा की कामना करें।
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