घर में खुशहाली की बहार लाए इन ख़ास वास्तु टिप्स के साथ
कई ऐसे घर होते है जिसमे लोग आपस में बातचीत नहीं करते है, तो ऐसे घरों को घर नहीं हम धर्मशाला कहते है। ऐसे कई कारणों की वजह से होता है कि गृहकलेश या फिर वैचारिक मतभेद होता है। ऐसे में लोगों के चेहरे पर से ख़ुशी गायब हो जाती है। इसकी वजह से ख़ुशनुमान माहौल नहीं रहता है। घर में कलेश की वजह से सभी लोगों के चेहरे लटके हुए और उदासी भरे रहते है। अगर कोई मेहमान भी आता है तो उसे घर का वातावरण अच्छा नहीं लगता है।
अगर आप भी ऐसी ही समस्या से झूझ रहे है तो ऐसा चित्र लगा सकते है जिसमें हंसता-मुस्कुराता संयुक्त परिवार हो। उसे लाकर आप अपने अतिथि कक्ष में लगा दें, जहां पर सभी की नजर आते-जाते पड़ती रहें। कुछ ही दिनों में आपको अच्छा परिवर्तन देखने को मिलेगा। यदि आप दूसरों के चित्र न लगाना चाहते हैं तो खुद के ही परिवार के सदस्यों का प्रसन्नचित्त मुद्रा में दक्षिण-पश्चिम दिशा के कोने में एक तस्वीर लगाएं। इसमें परिवार के सभी सदस्य होने चाहिए और उनके चेहरे प्रसन्नचित्त मुद्रा में होने चाहिए।
कुछ ख़ास ऐसे टिप्स जो काफी मददगार रहेंगे
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यदि पति और पत्नी में तनाव है या किसी कारणवश प्यार का संबंध स्थापित नहीं हो पा रहा है तो आप अपने शयन कक्ष में राधा-कृष्ण का एक सुंदर-सा चित्र लगा सकते हैं।
- यदि आप राधा-कृष्ण का चित्र नहीं लगा सकते हैं तो हंसों के जोड़े का सुंदर-सा मन को भाने वाला चित्र लगा सकते हैं।
- इसके अलावा हिमालय, शंख या बांसुरी के चित्र भी लगा सकते हैं। ध्यान रखें, उपरोक्त में से किसी भी एक का ही चित्र लगाएं।
- यदि शयन कक्ष अग्निकोण में हो तो पूर्व-मध्य दीवार पर शांत समुद्र का चित्र लगाना चाहिए।
- शयन कक्ष के अंदर भूलकर भी पानी से संबंधित चित्र न लगाएं, क्योंकि पानी का चित्र पति-पत्नी और 'वो' की ओर इशारा करता है।
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