क्या आपने भी लिया है इन नक्षत्रों में कर्ज, कभी नहीं चुकता इन नक्षत्रों में लिया कर्ज
एस्ट्रोलॉजी कंसल्टेंसी के अनुसार ऐसा माना जाता है नक्षण, योग और मुहूर्त का अत्यधिक महत्व है। किस वार, तिथि में कौनसा नक्षत्र किस काम के लिए अनुकूल या प्रतिकूल माना गया है। आज के लेख में हम आपको बताएगे कि कर्ज के लेन देन के निषिद्ध कौन कौनसे है।
ऐसा माना जाता है कि हस्त नक्षत्र में लिया हुआ ऋण हम कभी भी नही चूका सकते। इसे चुकाने के चक्कर में कुछ ना कुछ समस्याए आती रहती है और इस नक्षत्र में लिया गया ऋण बढ़ता ही जाता है। भूलकर भी हस्त नक्षत्र में कर्ज न लें लेकिन इस नक्षत्र में ही यदि ऋण चुकाने का सोच रहे हैं तो अच्छा है क्योंकि ऋण चुकता भी हो जाएगा और समृद्धि और सौभाग्य भी बढ़ेगा।
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिष के अनुसार इसी तरह 1.हस्त के अलावा 2.मूल, 3.आद्रा, 4.ज्येष्ठा, 5.विशाखा, 6.कृतिका, ध्रुव संज्ञक नक्षत्र अर्थात 7.उत्तरा फाल्गुनी, 8.उत्तराषाढ़ तथा 9.उत्तराभाद्रपद एवं 10.रोहिणी आदि नक्षत्रों में भी भुलकर कर्ज नहीं लेना चाहिए।
अगर किसी वजह से ऋण लेना पड़ रहा है तो नक्षत्र का ध्यान रखना जरुरी है। वृद्धि योग, द्विपुष्कर योग, त्रिपुष्कर योग में भी कर्ज में लिया गया ऋण कभी चुकता नहीं होता। कभी भी मंगलवार, शनिवार और रविवार को कर्ज नहीं लेना चाहिए। इसी प्रकार बुधवार के दिन किसी को भी उधार नहीं देना चाहिए। इस दिन दिया गया उधार डूब सकता है। वर्ष में 12 संक्रांतियां होती है। उक्त सभी संक्रातियों में कर्ज लेन देन नहीं करना चाहिए। इसी तरह चर लग्न में कर्जा नहीं देना चाहिए वर्ना वापस नहीं मिलता है। चर लग्न में पांचवें व नौवें स्थान में शुभ ग्रह व आठवें स्थान में कोई भी ग्रह नहीं हो, वरना ऋण पर ऋण चढ़ता चला जाएगा। चर लग्न जैसे मेष, कर्क, तुला और मकर में कर्ज लेने पर शीघ्र ही उतर जाता है, लेकिन इन चर लग्न में कभी किसी को कर्ज नहीं देना चाहिए।
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