सीता नवमी कब है? जानिए पूजन विधि और शुभ मुहूर्त
सीता नवमी का पर्व जिसे जानकी नवमी पर्व भी कहते हैं। यह हिन्दुओं का खास महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन सीता माता तथा भगवान श्रीराम की पूजा की जाती है। माता सीता का प्राकट्य त्रेतायुग में वैशाख शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार पुष्य नक्षत्र के मध्याह्न काल में जब महाराजा जनक संतान प्राप्ति की कामना से यज्ञ की भूमि तैयार करने के लिए हल से भूमि जोत रहे थे, उसी समय पृथ्वी से एक बालिका का प्राकट्य हुआ।
जोती हुई भूमि तथा हल के नोक को भी 'सीता' कहा जाता है, इसलिए बालिका का नाम 'सीता' रखा गया था। अत: इस पर्व को 'जानकी नवमी' भी कहते हैं। इस दिन माता सीता के मंगलमय नाम 'श्री सीतायै नमः' और 'श्रीसीता-रामाय नमः' का उच्चारण करना लाभदायी रहता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है एवं राम-सीता का विधि-विधान से पूजन करता है, उसे 16 महान दानों का फल, पृथ्वी दान का फल तथा समस्त तीर्थों के दर्शन का फल मिल जाता है।
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सीता नवमी 2020 के शुभ मुहूर्त-
नवमी तिथि का प्रारंभ 1 मई 2020 को दोपहर 01:26 बजे से शुरू होगा।
सीता नवमी पूजन का मुहूर्त- 2 मई 2020 को सुबह 10:58 से दोपहर 01:38 बजे तक यानी पूजन की कुल अवधि- 2 घंटे 40 मिनट रहेगी और 2 मई को सुबह 11:35 मिनट पर नवमी तिथि समाप्त होगी।
हिन्दू पंचांग के अनुसार कई स्थानों पर सीता नवमी 1 मई तो कहीं 2 मई को मनाई जाएगी। इस व्रत को विवाहित स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए करती हैं।
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