किन कारणों से होते है गृह क्लेश और उनसे निपटने के 5 तरीके
आजकल के वर्तमान युग में यह हर घर में आम बात है कि लड़ाई झगडे और कलेश। इन सभी चीजों की वजह से घर आज कल घर नहीं रहा है, क्योंकि घर एक प्रकार का धर्मशाला या शरणार्थी शिविर जैसा बन गया है। घर में लोग सिर्फ सोने, खाने, पीने और रहने के लिए रहते है। आज के लेख में हम आपको बताएगे कि ग्रह कलेश होने के क्या प्रमुख कारण है और इनसे कैसे बचा जा सकता है।
गृह कलेश के क्या कारण है?
ऐसे बहुत से कारण है जिसकी वजह से गृह कलेश जैसी समस्याएं पैदा होती है। उनमे से निम्न दिए गए कुछ प्रमुख कारण है। आजकल लोगों में आपस में प्रेम की कमी होती है, वैचारिक मतभेद होना भी इस समस्यां का आम कारण है। कई लोग गृह क्लेश का समाधान ढूंढते है। इनके अलावा कुछ और कारण है जैसे शरा, सिगरेट आदि व्यसनों का सेवन करना, ग्रह दोष, घर की महिलाओं का अनादर करना, संस्कारों का अभाव, धन का नाश होना, खुद ही घर में हर काम का फैसला करना।
गृह कलेश से क्या नुकसान होते है?
जब में क्रोध, कलह और रोना धोना होता है तो इससे घर की आर्थिक समृद्धि एवं ऐश्वर्य का नाश होता है। ऐसे में परिवार भी बिखर जाता है। बहुत से रोगों का हम शिकार हो जाते है और घटनाए और दुर्घटनाए बढ़ जाती है। जब यह बात हद से आगे बढ़ जाती है तो लोगों में आत्महत्या की प्रवृत्ति तक बढ़ जाती है। कई बार पति पत्नी के बीच अनबन होने लगती है। जितना हो सके हमे यही प्रयत्न करना चाहिए कि घर में कलह और कलेश की स्थिति पैदा ना होने दे।
गृह कलह से बचने के लिए 5 निवारण के उपाय
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आपस में प्रेम समस्या हल करने के लिए कोशिश करे की एक दूसरे की भावनाओं को समझे और प्यार बनाए रखे। परिवार के लोगों को सुनने और समझने की क्षमता बढ़ाए। कभी भी अपने विचारों के हिसाब से घर चलाने का प्रयत्न ना करे। सभी के विचारों का सम्मान करे। अपने कर्म को सुधारें, क्रोध और शराब को छोड़कर परिवार में परस्पर प्रेम की स्थापना करें।
- कर्पूर को रोजाना गुग्गल की गुरूवार को और गुड़ घी की तेरस, चौदस एवं अमावस्या को सुबह और शाम को धुप दे। ऐसा करने से सुगन्धित वातावरण होता है और मन में शान्ति उत्पन्न होती है।
- रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करे। ऐसा करने से घर से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियां बाहर हो जाएगी और घर में सुख शान्ति की स्थापित होगी।
- श्राद्ध पक्ष के दिनों में तर्पण आदि कर्म करना एवं पूर्वजों के प्रति मन में श्रद्धा रखना चाहिए। कौए, चिढ़िया, कुत्ते और गाय को रोटी खिलाते रहना चाहिए। पीपल या बरगद के वृक्ष में जल चढ़ाते रहना चाहिए। रोजाना केसर का तिलक लगाना चाहिए। पुरे कुटुंब के सभी लोगों से बराबर मात्रा में सिक्के लेकर उन सभी को मंदिर में दान कर देना चाहिए। विष्णु भगवान मंत्रों का जाप करे, श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करे। ऐसा करने से सभी पितृ दोष चले जाएगे।
- घर का वास्तु सुधारे और ईशान कोण को मजबूत एवं वास्तु अनुसार बनाएं। दक्षिणमुखी मकान में कदापी नहीं रहना चाहिए। एकादशी के व्रत रखना चाहिए कठोरता के साथ।
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