गुरूवार का व्रत करने से पहले जाने कैसे करे और पूजा विधि
गुरुवार व्रत का महत्व :
गुरुवार (बृहस्पतिवार)का व्रत बड़ा ही फलदायी माना जाता है। गुरुवार के दिन श्री हरि विष्णुजी की पूजा का विधान है। कई लोग बृहस्पतिदेव और केले के पेड़ की भी पूजा करते हैं। बृहस्पतिदेव को बुद्धि का कारक माना जाता है। केले के पेड़ को हिन्दू धर्मानुसार बेहद पवित्र माना जाता है। बृहस्पतिवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा होती है।
कैसे करें बृहस्पतिवार व्रत पूजन:
- अग्नि पुराण के अनुसार गुरुवार का व्रत अनुराधा नक्षत्र युक्त गुरुवार से आरंभ करके लगातार 7 गुरुवार करना चाहिए।
- इस दिन प्रात: उठकर भगवान विष्णु का ध्यान कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
- बृहस्पतिदेव का ध्यान करना चाहिए।
- इस दिन पीले वस्त्रों, पीले फलों का प्रयोग करना चाहिए।
- इसके बाद फल, फूल, पीले वस्त्रों से भगवान बृहस्पति देव और विष्णुजी की पूजा करनी चाहिए।
- पूजा के बाद कथा सुननी चाहिए।
- प्रसाद के रूप में केले चढ़ाना शुभ माना जाता है लेकिन इन केलों को दान में ही दे देना चाहिए।
- शाम के समय बृहस्पतिवार की कथा सुननी चाहिए और मान्यतानुसार इस दिन एक बार बिना नमक का पीला भोजन करना चाहिए।
- भोजन में चने की दाल का भी प्रयोग किया जा सकता है।
व्रत का फल
यह व्रत अत्यंत फलदायी है। गुरुवार को व्रत-उपवास करके यह कथा पढ़ने से बृहस्पति देवता प्रसन्न होते हैं। अनुराधा नक्षत्र युक्त गुरुवार से व्रत आरंभ करके 7 गुरुवार उपवास करने से बृहस्पति ग्रह की हर पीड़ा से मुक्ति मिलती है। गुरुवार का व्रत पूरे श्रद्धाभाव से करने पर व्यक्ति को गुरु ग्रह का दोष खत्म हो जाता है तथा गुरु कृपा प्राप्त होती है। इन दिन व्रत करने से व्यक्ति को सारे सुखों की प्राप्ति होती है।
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