जानिये पिछले जन्म से जुडी कुछ रोचक बातें
ऐसा माना जाता है कि हमारी कुंडली में पिछले जन्म की स्थिति लिखी होती है। आप पिछले जन्म में क्या थे इस बारे में सब लिखा रहता है। कुंडली, हस्तरेखा एवं सामुद्रिक विद्या को जानने वाला इंसान आपके पिछले जन्म के बारे में सब कुछ बता सकता है। अगर हम ज्योतिष शास्त्र की बात करे तो जब भी कोई जातक पैदा होता है तो वह अपनी भुक्त और भोग्य दशाओ के साथ में कुछ सूत्र पिछले जन्म के भी लेकर आता है। क्योकि ऐसा कोई भी जातक नहीं होता है जो अपनी भुक्त दशा और भोग्य दशा के शून्य में पैदा हुआ हो।
ऐसी ज्योतिष धारणा है कि मनुष्य के वर्तमान जीवन में कुछ भी अच्छा और बुरा अनायास घट रहा है उसे पिछले जन्म का प्रारब्ध या फिर भोग्य अंश माना जाता है। अगर किसी व्यक्ति ने पिछले जन्म में अच्छे कर्म करे है तो इस जन्म में वह सुख ले रहे है या फिर पिछले जन्म के पाप इस जन्म में उदय हो रहे है, इस बात का अंदाजा खुद का जीवन देख कर लगाया जा सकता है।
- ऐसा हो सकता है कि इस जन्म में हम जो भी अच्छा या फिर बुरा कर रहे है उसका खामियाजा या फल अगले जन्म में भोगेंगे या फिर अपने पाप के घड़े को तब तक संभालेंगे जब तक वह फूटता नहीं है। ऐसा भी हो सकता है इस जन्म में किए गए अच्छे या बुरे कर्म अगले जन्म तक हमारा पीछा करें।
- ज्योतिष शास्त्र में ऐसा माना जाता है कि जातक के लग्न में उच्च या स्वराशि का बुद्ध या फिर चंद्र स्थिति हो तो यह उसके पूर्व जन्म में सद्गुणी व्यापारी होने का सूचक है। लग्नस्थ बुद्ध है तो वाणिक पुत्र होकर विविध क्लेशों से ग्रस्त था।
- अगर किसी इंसान की कुंडली के लग्न स्थान में मंगल उच्च राशि या फिर स्वराशि में स्थित हो तो इसका अर्थ है कि वह अपने पूर्व जन्म में योद्धा था। और अगर मंगल षष्ठ, सप्तम या फिर दशम भाव में है तो यह माना जाता है कि वह इंसान पूर्व जन्म में बहुत ही क्रोधी स्वभाव का था।
- अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में चार या फिर उससे अधिक ग्रह उच्च राशि के अथवा स्वराशि में हो तो यह माना जाता है कि जातक उत्तम योनि या फिर जीवन भोगकर यहाँ जन्म लिया है।
- कुंडली में अगर चार या इससे अधिक ग्रह नीच राशि के हो तो ऐसा माना जाता है कि उस जातक में अपने पूर्वजन्म में निश्चय ही आत्महत्या की होगी।
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