जानिए कौन थे सप्त ऋषि? ऋषि पंचमी का महत्व

जानिए कौन थे सप्त ऋषि? ऋषि पंचमी का महत्व
Rishi Panchmi 2020

जैसा कि हम जानते है कि ऋषि पंचमी का व्रत सभी महिलाएं व कन्याएं पूरी श्रद्धा व भक्ति के साथ रखेंगी। आज के दिन सप्तऋषियों का पूर्ण विधि-विधान से पूजन कर कथा श्रवण करने का महत्व है। यह व्रत पापों का नाश करने वाला व श्रेष्ठ फलदायी है। प्रत्येक काल में सप्तऋषि अलग अलग हुए हैं। वेदों का अध्ययन करने पर जिन सात ऋषियों या ऋषि कुल के नामों का पता चलता है वे नाम क्रमश: इस प्रकार है:- 1.वशिष्ठ, 2.विश्वामित्र, 3.कण्व, 4.भारद्वाज, 5.अत्रि, 6.वामदेव और 7.शौनक।

ऋषि पंचमी पूजा मुहूर्त

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ 22 अगस्त को शाम 07 बजकर 57 मिनट पर हो रहा है, जो अगले दिन 23 अगस्त को शाम 05 बजकर 04 मिनट तक रहेगी। ऋषि पंचमी पर पूजा का मुहूर्त 02 घंटे 36 मिनट का है। आप 23 तारीख को दिन में 11 बजकर 06 मिनट से दोपहर 01 बजकर 41 मिनट तक पूजा कर सकते हैं।

ऋषि पंचमी पूजा मंत्र

कश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोय गौतम:।

जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषय: स्मृता:।।

गृह्णन्त्वर्ध्य मया दत्तं तुष्टा भवत मे सदा।।

ऋषि पंचमी का महत्व

ऋषि पंचमी के दिन महिलाएं सरोवर या नदी विशेषकर गंगा में स्नान करती हैं। ऐसी मान्यता है कि रजस्वला के समय होने वाली तकलीफ तथा अन्य दोष के निवारण के लिए महिलाएं ऋषि पंचमी का व्रत करती हैं और स्नान करती हैं। आज के दिन महिलाएं सप्तऋषियों की पूजा करती हैं और दोष निवारण के लिए कामना करती हैं।

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