10 सितम्बर को गजलक्ष्मी व्रत: क्या आप जानते है मां गजलक्ष्मी कौन है?

10 सितम्बर को गजलक्ष्मी व्रत: क्या आप जानते है मां गजलक्ष्मी कौन है?
Gajlakshmi Vrat 2020

इस साल गजलक्ष्मी व्रत 10 सितम्बर 2020 को आ रहा है। देवी के विभिन्न रूप को उनके वाहन, पहनावे, हाथ और शस्त्रों के अनुसार पहचाना जाता है। देवी का वाहन उलूक, गरुड़ और गज यानी हाथी है। बहुत सी जगह वह कमल पर विराजमान है। हर देवी का अलग ही रूप है।

पुराणों में एक लक्ष्मी वह है जो समुद्र मंथन से जन्मीं थीं और दूसरी वह है जो भृगु की पुत्रीं थी। भृगु की पुत्री को श्रीदेवी भी कहते थे। उनका विवाह भगवान विष्णु से हुआ था। अष्टलक्ष्मी माता लक्ष्मी के 8 विशेष रूपों को कहा गया है। माता लक्ष्मी के 8 रूप ये हैं- आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी।

1. आदिलक्ष्मी: आदि लक्ष्मी को ही महालक्ष्मी कहा जाता है जो कि ऋषि भृगु की बेटी हैं।

2.धनलक्ष्मी: कहते हैं कि भगवान विष्णु ने एक बार देवता कुबेर से धन उधार लिया था जिसे समय पर वो चूका नहीं सके, तब धनलक्ष्मी ने ही विष्णुजी को कर्ज मुक्त करवाया था।

3. धान्यलक्ष्मी: धान्य का अर्थ होता है अनाज चावल। यह लक्ष्मी व्यक्ति के घर में धान्य देती है।

4.गजलक्ष्मी: पशु धन दात्री की देवी को गजलक्ष्मी कहा जाता है। पशुओं में हाथी को राजसी माना जाता है। गजलक्ष्मी ने भगवान इंद्र को सागर की गहराई से अपने खोए धन को हासिल करने में मदद की थी। गजलक्ष्मी का वाहन सफेद हाथी है।

5.संतानलक्ष्मी: संतानों की देवी संतानलक्ष्मी का यह रूप बच्चों और अपने भक्तों को लम्बी उम्र देने के लिए है। संतानलक्ष्मी को इस रूप में एक बच्चे को गोद में लिए दो घड़े, एक तलवार और एक ढाल पकड़े, छह हथियारबंद के रूप में दर्शाया गया है। अन्य दो हाथ अभय मुद्रा में दर्शाए गए है।

6.वीरलक्ष्मी: यह लक्ष्मी जीवन के संघर्षों पर विजय पाने और युद्ध में वीरता दिखाने ले लिए शक्ति प्रदान करती है।

7.विजयलक्ष्मी या जयालक्ष्मी: विजया का मतलब है जीत। विजय या जया लक्ष्मी जीत का प्रतीक है। वह एक लाल साड़ी पहने एक कमल पर बैठे, आठ हथियार पकड़े हुए रूप में दिखाई गयी है।

8.विद्यालक्ष्मी: विद्या का मतलब शिक्षा के साथ ज्ञान भी है। देवी का यह रूप हमें ज्ञान, कला और विज्ञान की शिक्षा प्रदान करती है। विद्या लक्ष्मी को कमल पर विराजमान बताया गया है जिसने चार हाथ है। सफेद साड़ी पहने इन लक्ष्मी के दोनों हाथों भी कमल नजर आता है और दूसरे दो हाथ अभय और वरदा मुद्रा में है।

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