खरमास में मांगलिक कार्य बंद, लेकिन यह कार्य करोगे तो बदल जाएगी आपकी किस्मत
मलमास को मलिन मास माना जाता है। इस महीने में हिन्दू धर्म के विशिष्ट व्यक्तिगत संस्कार जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह और कोई भी धार्मिक संस्कार नहीं होता है। मलिन मास होने के कारण इस महीने को मलमास भी कहा जाता है। मलमास या खरमास में किसी भी तरह का कोई मांगलिक कार्य ना करें। जैसे शादी, सगाई, वधु प्रवेश, द्विरागमन, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार का आरंभ आदि ना करें।
जब से सूर्य बृहस्पति राशि में प्रवेश करता है तभी से खरमास या मलमास या अधिकमास प्रारंभ हो जाता है। हिन्दू धर्म में इस महीनें को शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए इस महीने में किसी भी तरह के नए काम या शुभ काम नहीं किए जाते हैं। खरमास महीने के अपने अलग नियम होते हैं। हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले शुभ समय या मुहूर्त जरूर देखते हैं। साथ ही सूर्य के चाल को भी जरूर ध्यान में रखते हैं। इस कारण से ही खरमास के महीने में किसी भी तरह के शुभ काम नहीं किए जाते। माना जाता है इस महीने में सूर्य की चाल धीमी हो जाती है। इसलिए कोई भी शुभ कार्य सफल नहीं होता।
खरमास के 3 नियम
1. खरमास का महीना एक ऐसा महीना है जिसमें दान और पुण्य करने का सबसे अधिक फल मिलता है। इस महीने में आप जितने जरूरतमंदों और गरीबों की मदद करेंगे उतना ही आपको लाभ होगा।
2. इस महीने में सेहत और समृद्धि के लिए हर रोज सूर्य को जल चढ़ाने का नियम बना लें। सूर्योदय से पहले उठकर स्नानादि कर लें। इसके बाद चढ़ते सूरज को अर्घ्य दें। ऐसा करना आपको शुभ फल देगा।
3. इस महीने गोशाला जरूर जाएं। गायों को गुड़ और हरा चना खिलाएं। ऐसा संभव ना हो तो घर में गाय की मूर्ति या तस्वीर लगाएं। इस पूरे महीने गाय की पूजा जरूर करें। ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण आपसे प्रसन्न होंगे।
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