श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व कैसे मनाना चाहिए?

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व कैसे मनाना चाहिए?
Krishna Janamasthami 2020

इस साल जन्माष्टमी का पूजा का शुभ समय 12 अगस्त को रात 12 बजकर 5 मिनट से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक है। जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण को दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक कर पंचामृत अर्पित करना चाहिए। माखन मिश्री का भोग लगाएं। हर बार की तरह इस बार भी जन्माष्टमी दो दिन मनाई जा रही है।

11 और 12 अगस्त दोनों दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है।

12 अगस्त को जन्माष्टमी मानना श्रेष्ठ है। मथुरा और द्वारिका में 12 अगस्त को जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

श्रीमद्भागवत दशम स्कंध में कृष्ण जन्म प्रसंग में उल्लेख मिलता है। इसमें कहा गया है कि जिस समय पृथ्वी पर अर्धरात्रि में कृष्ण अवतरित हुए ब्रज में उस समय पर घनघोर बादल छाए थे, लेकिन चंद्रदेव ने दिव्य दृष्टि से अपने वंशज को जन्म लेते दर्शन किए। आज भी कृष्ण जन्म के समय अर्धरात्रि में चंद्रमा उदय होता है। उस समय धर्मग्रंथ में अर्धरात्रि का जिक्र है।

भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को हुआ था। इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी कहते हैं। आइए जानें काम की बातें

श्रीकृष्ण की प्रतिमा की पूजा कैसे करें?

  • जन्माष्टमी पर बालकृष्ण की स्थापना की जाती है।

  • आप अपनी आवश्यकता और मनोकामना के आधार पर जिस स्वरुप को चाहें स्थापित कर सकते हैं।
  • प्रेम और दाम्पत्य जीवन के लिए राधाकृष्ण की, संतान के लिए बाल रूप की और सभी मनोकामनाओं के लिए बांसुरी वाले कृष्ण की स्थापना करें।
  • इस दिन शंख और शालिग्राम की स्थापना भी कर सकते हैं।

श्रृंगार कैसा करें?

  • श्री कृष्ण के श्रृंगार में फूलों का विशेष महत्व है।

  • अतः विविध प्रकार फूलों की व्यवस्था करें, पारिजात और वैजयंती के फूल मिल जाए तो सबसे ज्यादा उत्तम होगा।
  • पीले रंग के वस्त्र, गोपी चंदन और चंदन की सुगंध की व्यवस्था भी करें।
  • कृष्ण जन्म के बाद उनको झूले में बैठाकर झुलाया जाता है, अतः खूबसूरत से झूले की व्यवस्था भी करें।
  • बांसुरी, मोरपंख, आभूषण, मुकुट, पूजन सामग्री, सजावटी सामग्री सब एकत्र करें।

भोग क्या लगाएं?

  • पंचामृत जरूर बनाएं, उसमे तुलसी दल डालें

  • मेवा,माखन और मिश्री लेकर आएं।
  • धनिये की पंजीरी भी रखें।
  • सामर्थ्य अनुसार 56 भोग लगा सकते हैं।

Like and Share our Facebook Page.