आज है भौम प्रदोष व्रत, जानिए इसका महत्व और पूजन विधि

आज है भौम प्रदोष व्रत, जानिए इसका महत्व और पूजन विधि
Bhaum Pradosha fast know importance and worship method

ऐसा माना जाता है कि दैनिक और व्यवहारिक जीवन में कई बार अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए धन रुपयों पैसों का कर्ज लेना पड़ता है।  उस समय कर्ज तो ले लेते है लेकिन उसे चुकाने में उसे काफी मुश्किलें सामने आती है। अगर आप परेशानी का सामना कर रहे है कर्ज चुकाने में तो भौम प्रदोष व्रत लाभदायी सिद्ध होता है।

जानिए भौम प्रदोष व्रत का महत्व

  • हर महीने में शुक्ल और प्रदोष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस व्रत को रखने से मंगलवार और शनिवार को आने वाले प्रदोष तिथि का विशेष महत्व माना जाता है।
  • भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। इससे जातक के जीवन में मंगल ग्रह के कारण मिलने वाले अशुभ प्रभाव में कमी आती है।
  • इस दिन ब्रह्म मूहूर्त में स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें और पूजा स्थल को साफ करके गंगाजल छिड़कें।
  • इसके बाद में चौकी पर सफ़ेद रंग का कपडा बिछाकर मौली बांधे। भगवान शिवशंकर की प्रतिमा या शिवलिंग विराजित करें। इसके बाद में कच्चा दूध मिले जल से अभिषेक करें और गंगाजल अर्पित करके फूल, धतूरा, भांग अथवा मौसमी फल चढ़ाएं। धूप, दीप और अगरबत्ती जलाएं तथा शिवजी की आरती करें, भोग लगाएं।
  • शाम को भी अच्छे मुहूर्त में शिवजी का पूजन करे
  • यदि मंगलवार के दिन प्रदोष तिथि आती है, तो इसका महत्व अधिक बढ़ जाता है तथा कर्ज से मुक्ति के लिए इस दिन शाम के समय किया गया हनुमान चालीसा का पाठ लाभदायी सिद्ध होता है।

जानिए भौम प्रदोष 2021 की पूजा का  शुभ समय

त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ- सोमवार, 25 जनवरी 2021 को देर रात्रि 12.24 मिनट पर हो रहा है तथा त्रयोदशी तिथि की समाप्ति मंगलवार, 26 जनवरी को देर रात्रि 01.11 मिनट पर होगी। अत: प्रदोष व्रत 26 जनवरी को रखना ही उचित रहेगा तथा पूजन का शुभ समय- सायं 05:56 मिनट से रात्रि 08:35 तक रहेगा।

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