क्या आप जानते है गणेश चतुर्थी पर शंख उपयोग में लेने के फायदे?
भगवान गणेश की पूजा के लिए मोदक का लड्डू, दुर्वा, लाल पुष्प, जनेऊ, नारियल, मिश्री, पान सुपारी, सिंदूर आदि वस्तुओं के साथ गणेश शंख का भी उपयोग किया जाता चाहिए। जानिए गणेश शंख के फायदे।
क्या आप जानते है गणेश शंख उत्पत्ति कैसे हुई ?
समुद्र मंथन के दौरान 8वें रत्न के रूप में सर्वप्रथम गणेश शंख की ही उत्पत्ति हुई थी। इसे गणेश शंख इसलिए कहते हैं कि इसकी आकृति हू-ब-हू गणेशजी जैसी है। शंख में निहित सूंड का रंग अद्भुत प्राकृतिक सौन्दर्ययुक्त है। प्रकृति के रहस्य की अनोखी झलक गणेश शंख के दर्शन से मिलती है। गणेश शंख आसानी से नहीं मिलने के कारण दुर्लभ होता है।
शंख के फायदे :
1. यह शंख दरिद्रतानाशक और धन प्राप्ति का कारक है।
2. श्रीगणेश शंख का पूजन जीवन के सभी क्षेत्रों की उन्नति और विघ्न बाधा की शांति हेतु किया जाता है।
3. इसकी पूजा से सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं।
4. आर्थिक, व्यापारिक, कर्ज और पारिवारिक समस्याओं से मुक्ति पाने का श्रेष्ठ उपाय श्री गणेश शंख है।
5. इस शंख को घर में रखने से व्यक्ति धीरे धीरे कर्ज मुक्त हो जाता है।
शंख के प्रकार
शंख के प्रमुख 3 प्रकार होते हैं:- दक्षिणावृत्ति शंख, मध्यावृत्ति शंख तथा वामावृत्ति शंख। इन शंखों के कई उप प्रकार होते हैं। शंखों की शक्ति का वर्णन महाभारत और पुराणों में मिलता है। यह प्रकार इस तरह भी है- वामावर्ती, दक्षिणावर्ती तथा गणेश शंख।
शंख के अन्य प्रकार : लक्ष्मी शंख, गोमुखी शंख, कामधेनु शंख, विष्णु शंख, देव शंख, चक्र शंख, पौंड्र शंख, सुघोष शंख, गरूड़ शंख, मणिपुष्पक शंख, राक्षस शंख, शनि शंख, राहु शंख, केतु शंख, शेषनाग शंख, कच्छप शंख, गोमुखी शंख, पांचजन्य शंख, अन्नपूर्णा शंख, मोती शंख, हीरा शंख, शेर शंख आदि प्रकार के होते हैं।
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