शनि होने जा रहे है मार्गी, क्या आप जानते है इससे कैसे बचा जा सकता है
जैसा कि हम जानते है कि शनि ने धनु से मकर राशि में गोचर किया था। ज्योतिष के अनुसार माना जा रहा है कि 11 मई को ही वे वक्री हुए और अब 29 सितंबर 2020 को वे पुन: मार्गी होंगे। आज के लेख में हम आपको ऐसे उपाय बताएगे जिसकी मदद से शनि के मार्गी होने से बचा जा सकता है।
ज्योतिष शास्त्र में ऐसा माना जाता है कि शनि के राशि परिवर्तन को बड़ी घटना माना गया है। शनि हर 30 साल में अपने राशि चक्र को पूरा करता है। इसके अनुसार शनि हर ढाई साल में एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करता है। 24 शनि ने मकर राशि में प्रवेश किया था जिसके चलते कन्या और वृषभ राशि से हटकर मिथुन और तुला राशि पर ढैय्या प्रारंभ हो गई थी। शनि के इस राशि परिवर्तन से कुंभ राशि वालों पर शनि साढ़े साती का पहला चरण शुरू हो गया था।
फिर 11 मई से 29 सितंबर तक शनि ने मकर राशि में ही रहकर वक्री अवस्था में गोचर किया। शनि अब पूरे 142 दिन बाद यानी 29 सितंबर को सुबह 10 बजकर 45 मिनट पर वक्री से मार्गी हो रहे हैं।
शनि के बुरे प्रभाव से बचने के लिए क्या करे?
- कारोबार में लाभ हेतु काला सुरमा भूमि में दबाना चाहिए।
- रोटी में सरसों तेल लगाकर कुत्ते को खिलाना चाहिए।
- शनिवार के दिन शनि मंदिर में छाया दान करना चाहिए।
- तिल, उड़द, लोहा, तेल, काला वस्त्र और जूता दान देना चाहिए।
- आचारण को शुद्ध रखें एवं मांस मदिरा से परहेज रखें।
- जुआ सट्टा न खेंले, ब्याज का धंधा न करें।
- पति या पत्नी के प्रति वफादार बनकर रहें।
- प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें
- हमेशा सिर ढक कर ही मंदिर जाएं।
- झूठी गवाही से बचें।
- पिता और पुत्र का कभी अनादर ना करें।
- नास्तिक और नास्तिकता के विचारों से दूर रहें।
- भैरव बाबा को शराब चढ़ाएं।
- कौवे और कुत्ते को प्रतिदिन रोटी खिलाएं।
- अंधे, अपंगों, सेवकों और सफाइकर्मियों को खुश रखें और उन्हें दान दें।
- शहद का सेवन करें, शहद में काले तिल मिलाकर मंदिर में दान करें या शहद को घर में हमेशा रखें।
Comments (0)