राधा के चौका देने वाले रहस्य
जैसा कि हम सब जानते है कि राधा रानी श्रीकृष्ण की प्रेमिका थी। जब हम महाभारत में राधा के नाम का उल्लेख नहीं मिलता है। हमेशा राधा का जिक्र विष्णु, पद्म पुराण और ब्रह्मवैवर्त पुराण में मिलता है। आज के लेख में हम आपको राधा रानी कुछ ऐसे रहस्य बताएगे जो आपको जानना चाहिए। दिए गए रहस्य कुछ तो प्रमाणिक है तो कुछ मान्यता और कई किवदंतियो के आधार पर है।
राधा के माता पिता
पद्म पुराण के अनुसार ऐसा माना जाता है कि राधा वृषभानु नामक वैश्य गोप की पुत्री थी। उनकी माता का नाम कीर्ति था। वृषभानु कुमारी पड़ा। बरसाना राधा के पिता वृषभानु का निवास स्थान था।
राधा का जन्म स्थान
कुछ विद्वान मानते है कि राधाजी का जन्म यमुना के निकल स्थित रावल ग्राम में हुआ था। बाद में उनके पिता बरसाना में बस गए थे। लेकिन अधिकतर मानते है कि उनका जन्म बरसाना में हुआ था।
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राधा का जन्म अष्टमी को हुआ था
पौराणिक ग्रंथों के आधार पर माना जाता है कि अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण पक्ष में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था और इसी तिथि को शुक्ल पक्ष में देवी राधा का जन्म हुआ था। राधाष्टमी का त्योहार बरसाने में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। राधाष्टमी का पर्व जन्माष्टमी के 15 दिन बाद भद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है।
राधा का मंदिर
राधारानी का मंदिर विश्वप्रसिद्ध है। यह मंदिर बरसाना ग्राम की पहाड़ी पर स्थित है। बरसाना में राधारानी को लाड़ली के नाम से कहा जाता है। जो राधा का मंदिर है वो प्राचीन मंदिर मध्यकालीन है जो कि लाल और पीले पत्थर का बना हुआ है। राधा के मंदिर का निर्माण राजा वीर सिंह ने 1675 में करवाया था।
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राधा के पति कौन थे
राधा के पति का जिक्र ब्रह्मवैवर्त पुराण के खंड अध्याय 49 श्लोक 35, 36, 37 , 40, 47 के अनुसार एक अलग रिश्ते के अनुसार राधा एक तरह से श्रीकृष्ण की मामी भी थी। क्योकि राशि का विवाह श्रीकृष्ण की माँ यशोदा के भाई रायाण के साथ में हुआ था। रायण को रापाण एवं अयनघोष भी कहा जाता है।
श्रीकृष्ण पुत्रवधु
ऐसा माना जाता है कि पिछले जन्म में राधा का पति रायाण गोलोक में श्रीकृष्ण का अंशभूत गोप था। इसलिए गोलोक के रिश्ते से राधा श्रीकृष्ण की पुत्रवधु हुई।
श्रीकृष्ण से बड़ी थी राधा
राधा एवं रुकमणी दोनों ही कृष्ण से उम्र में बड़ी थी।
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